July 20, 2025

हरिद्वार – बहादराबाद थाना क्षेत्र से अपहृत 22 साल के लैब पैथोलॉजिस्ट के अपहरण और हत्या की गुत्थी सुलझा ते हुए पुलिस ने 12 घंटे के भीतर इस जघन्य हत्याकांड को अंजाम देने के दोनों आरोपियों को धर दबोचा। पुलिस की जांच में अपहरण के पीछे 70 लाख की फिरौती और हत्या करने के पीछे पकड़े जाने का डर सामने आया है।

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आपको बता दे कि 13 दिसंबर कि सुबह शिव मंदिर चौक बहादराबाद निवासी प्रेमचंद ने थाने पहुंचकर बताया कि उनका बेटा कार्तिक 12 तारीख को राम धाम कॉलोनी कोतवाली रानीपुर क्षेत्र में स्थित अपनी अनिका पैथोलॉजी लैब में गया था लेकिन उसके बाद से ही उसका कुछ पता नहीं चला है ना तो वह घर आया है और ना ही उसका फोन उठा रहा है बहादराबाद थाना पुलिस ने तत्काल इस मामले में युवक की गुमशुदगी दर्ज कर ली अभी पुलिस मामले की जांच ही कर रही थी कि दोपहर में कार्तिक के फोन से उसकी माता के फोन पर फोन आया और फोन करने वाले ने उसके बेटे के एवज में ₹7000000 की मांग कर दी इस फोन के आते ही पूरे पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया एसएसपी हरिद्वार ने इस मामले की तत्काल कमान संभालते हुए फोन करने वाले और लापता युवक की तलाश शुरू की शुक्रवार रात पुलिस के हाथ कार्तिक की लैब नहीं काम करने वाले 2 कर्मचारियों तक जा पहुंचे जो दोपहर से ही पुलिस के साथ मिलकर कार्तिक को जुड़वा रहे थे पुलिस ने जब दोनों से कड़ाई से पूछताछ करी तो वह ज्यादा देर राज को नहीं छुपा सके आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने एक अभियुक्त के दादूपुर स्थित किराए के मकान से बोरी में बंद बरामद कर लिया पकड़े गए दोनों आरोपी हत्या करने के बाद घरवालो को विश्वास में लेकर फिरौती वसूलने के चक्कर में थे दोनों का प्लान था की हत्या के बाद जिस घर में सब को रखा गया है उस घर के पीछे से बह रहे नाले में फेंक देंगे जिससे किसी को इसका पता भी नहीं चलेगा लेकिन उनकी चला कि पुलिस के आगे ज्यादा देर नहीं टिक पाई अप पुलिस दोनों को जेल भेजने जा रही है।

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बुझ गया घर का चिराग: कार्तिक को पढ़ा लिखा कर परिवार वालों ने सोचा था कि घर का चिराग उनके बुढ़ापे का सहारा बनेगा लेकिन इससे पहले ही वह चिराग बुझ गया वही दो बहनों का लाडला छोटा भाई उन्हें हमेशा के लिए छोड़ कर चला गया।

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गलतफहमी ने ले ली कार्तिक की जान: कार्तिक किसी बहुत अमीर परिवार से ताल्लुक नहीं रखता था हाल ही में उसके पिता ने कुछ जमीन बेची थी इस बात का पता कार्तिक की लैब में काम करने वाले दोनों आरोपियों को था आरोपियों को यह भी पता था कि कार्तिक के पिता के पास काफी पैसा है। परिवार वालों से पैसा वसूलने के उद्देश्य से उन्होंने जघन्य हत्या कांड को अंजाम दिया।

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कर्मचारियों पर विश्वास करना पड़ा महंगा: कार्तिक की हत्या में शामिल रहे दोनों आरोपियों में से एक इसे आठ माह जबकि दूसरा तीन महीनों से फैसले पर बतौर कर्मचारी काम कर रहे थे कार्तिक जी दोनों पर काफी विश्वास करता था और यही विश्वास उसकी जान पर भारी पड़ गया।

 

पहले ही कर दी थी हत्या: कार्तिक की हत्या फिरौती मांगने के बाद नहीं बल्कि फिरौती मांगने से पहले ही गला घोट कर कर दी गई थी हत्या के बाद हत्यारों ने शव को बोरे में रख अपने कमरे में छुपाया हुआ था आरोपियों ने हत्या के बाद ही कार्तिक के परिवार वालों को कार्तिक के फोन से फोन करके 70 लाख की फिरौती मांगी थी।

 

ढुंढवाने में आगे रहे आरोपी: कार्तिक के गायब होने पर शक दोनों कर्मचारियों पर ना जाए इसलिए शुक्रवार सुबह से ही आरोपी लगातार परिवार वालों के साथ कार्तिक पूर्णिमा रहे थे इसी दौरान कार्तिक के फोन से भी उन्होंने सिरोही के लिए परिवार वालों को फोन किया था पुलिस के अनुसार आरोपी परिजनों को भी सिरोही देने पर राजी करना चाहते थे उनकी कोशिश थी कि पुलिस को इस बात का परिवार ना बताए।

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क्या कहते हैं एस एस पी: अपहरण और हत्याकांड का खुलासा करते हुए एसएसपी हरिद्वार अजय सिंह ने बताया कि 12 दिसंबर को बहादराबाद थाना पुलिस को कार्तिक 22 वर्ष की गुमशुदगी की तहरीर मिली थी लेकिन एक दिन पहले ही वह अपने दोस्तों के साथ घर से कहीं गया था लेकिन जब कार्तिक सुबह तक घर नहीं पहुंचा तो उन्होंने पुलिस को इसकी सूचना दी जिसके बाद पुलिस उसकी तलाश कर ही रही थी कि दोपहर मैं कार्तिक की मां के पास फोन आता है और उनसे कार्तिक को छोड़ने की एवज में ₹7000000 फिरौती मांगी जाती है जिसके बाद पुलिस ने तत्काल गुमशुदगी को अवरण में जहां तरमीन किया वही उसकी तलाश भी शुरू कर दी गई कई जगह की सीसीटीवी फुटेज खंगालने के साथ उसके मोबाइल के ट्रांजैक्शन और जब खंडाला गया तो दो सब्जेक्ट प्रकाश में आए जब उन दोनों से पूछताछ की गई तो पूछताछ में उन्होंने बताया कि उन्होंने कार्तिक की हत्या 1 दिन पहले ही कर दी थी और उसके शव को किराए पर लिए गए मकान में ही छिपा कर रखा हुआ है दोनों व्यक्तियों के साथ जब घटनास्थल का निरीक्षण किया गया तो लाश उनके कमरे से ही बरामद हुई एसएसपी ने बताया कि दोनों आरोपी लगातार परिवार को विश्वास में लिए हुए थे और किसी भी तरह पैसा हासिल करना चाहते थे वे सबको एक दिन पहले ही ठिकाने लगाने वाले थे लेकिन किसी कारण से वह उस दिन शव को ठिकाने नहीं लगा पाए जिसके बाद पुलिस ने इस हत्याकांड का खुलासा कर दिया आरोपी शहादत अली पुत्र छोटे खान और दीपेंद्र कुमार पुत्र राकेश कुमार मूल रूप से बिजनौर उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं जबकि हाल में दोनों ही सलेमपुर इलाके में रह रहे थे। इस सनसनीखेज खुलासे को करने वाली पुलिस टीम को ₹10000 का इनाम देने की भी संस्तुति कर दी गई है।

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