
गौरतलब है कि मातृ सदन आश्रम हरिद्वार में गंगा, हिमालय और उत्तराखंड बचाने हेतु 3 दिवसीय सेमिनार का दूसरे दिन की शुरुआत पहाड़ की सशक्त एक्टिविस्ट (अनेक बार जेल गई) सुशीला भंडारी के गंगा भजन से हुई। इस मौके पर स्वामी शिवानंद महाराज ने कहा कि गंगा, हिमालय और उत्तराखंड को बचाने के लिए मातृ सदन आश्रम में तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। इस सम्मेलन का उद्देश्य सरकार के साथ आम आदमी की अंतर्रात्मा को जागृत करना है। प्रकृति और मानव का सीधा संबंध है। इसका संतुलन बिगड़ने से विनाश का मार्ग प्रशस्त होता है और उत्तराखंड में भी ऐसा ही हो रहा है। समाजसेवी अनिल गौतम ने कहा कि आस्था को वैज्ञानिक रूप से समझाया गंगा जल की शुद्धता मापने के लिए एक्सपेरिमेंट किया। गंगा जल में पशु गोबर मिलाया और 24 घंटे छोड़ दिया । हैरानी हुई देखकर की मालयुक्त गंगा जल साफ हो गया। गंगा की विलक्षणता सड़न को दूर करती है। वर्तमान में गंगा शुद्ध करने में एसटीपी ऊपरी सफाई पर ध्यान केंद्रित है जिससे कभी भी गंगा का भला नहीं हो सकता।मुकुंदा दास स्वामी (हरे कृष्णा) स्वामी निगमानंद जी को याद करते हुए गंगा की महिमा का वर्णन किया। साध्वी पद्मावती के जज्बे को नमन किया कि वो कहती हैं कि ठीक होने पर वो फिर अनशन करेंगी।उन्होंने दुख भरे स्वर में कहा, पूजन इत्यादि धार्मिक कार्यों में जिस मां को सबसे पहले याद करते हैं उसी का अनादर करते है। मातृ सदन को नमन जो सबको प्रकृति के नष्ट होने और उसका सरंक्षण करने को बार बार समझाते हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से कृत्रिम प्रकृति का सृजन करने का प्लान चल रहा है। साऊथ अफ्रीका से आते पूर्व सांसद जयसीलन नायडू ने कहा कि मैं साउथ अफ्रीका से आया हूं, 1860 में मेरी ग्रेट ग्रैंड मदर को वेल्लोर तमिलनाडु से गुलाम बना कर अफ्रीका ले जाया गया। उनको गंगा पूजा न करने का दुख था इसलिए यहां आने पर सबसे पहले गंगा को प्रणाम किया। गंगा की हालत देख कर बहुत दुख हुआ जो प्लास्टिक से अटी पड़ी थी।
गांधी जी का सत्याग्रह का आरंभ साउथ अफ्रीका से भारत मे आया। आपने गांधी को अफ्रीका भेजा और हमने उन्हें महात्मा गांधी बना कर भेजा । अगर हम नदियों को साफ नही रखेंगे तो बीमार पड़ जायेंगे। मुझे नेल्सन मंडेला के साथ काम करने का सौभाग्य मिला जिन्होंने गुलामी को खत्म किया। अफ्रीका की मशहूर नील नदी जो की वहां की लाइफ लाइन है। रूटेन्डो नगारा ने कहा कि अफ़्रीका में ऐसा मानते है कि हर नदी की आत्मा होती है। उनसे आज्ञा ले कर ही किसी भी नदी पर बांध बनाना चाहिए। किन्तु ब्रिटिश सरकार ने बिना आज्ञा बांध बनाया तो दुर्घटना हो हुई के बना जिससे 80 ब्रिटिश मर गए।प्रफुल ध्यानी ने कहा कि जो अंकिता भंडारी के साथ हुआ वही गंगा जी का, पेड़ो का और पहाड़ों के साथ हो रहा है। बद्रीनाथ कॉरिडोर के द्वारा गंगा और प्रकृति का विनाश हो रहे हैं। हम सबको गुरुदेव से प्रेरणा लेकर प्रकृति पर्यावरण के प्रति संवेदन शील रहें। भारतीय किसान मजदूर उत्थान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह विर्क केंद्र एवं राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने मातृ सदन की मांगों पर कार्रवाई की मांग करते हुए चेतावनी दी। कहा कि 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के पूर्व नाक से संघ की मांगों पूरी नहीं होने पर आंदोलन किया जाएगा। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने स्वामी शिवानंद को यूनियन का संरक्षक बनाने की घोषणा की।राष्ट्रीय महासचिव इरशाद अली ने कहा कि मातृ सदन के संत सदैव सत्य की लड़ाई लड़ते आये है। स्वामी शिवानंद को यूनियन का संरक्षक बनाने से यूनियन का मान बढ़ा है। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अश्वनी पाल, विनोद कश्यप , डॉ विजेंद्र चौहान, साजिद, दामोदर, प्रदीप, डी पी राय शुक्रा, अखिल, अक्षय चौधरी , डॉ विजय वर्मा, वर्षा वर्मा, रिद्धिमा पांडे, बृजेश शुक्ला, सहित अन्य लोग मौजूद रहे।