
हरिद्वार- रूड़की के माहीग्रान से अतिक्रमण का हवाला देते हुए नगरनिगम प्रशासन द्वारा तोड़ी गई दुकानों के मामले में दुकानदारों ने पत्रकार वार्ता पर प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल उठाए है। पीड़ित दुकानदारों ने आरोप लगाया कि प्रशासनिक टीम ने बिना आदेश दिखाए व न्यायालय में चल रहे ट्रायल के बीच ही दुकानों को ध्वस्त कर दिया जबकि न्यायालय ने दो दिन बाद ही मामले में यथास्थिति का स्टे कर दिया। उन्होंने नगर आयुक्त पर पक्षपात-पूर्ण गैर कानूनी तरीके से कार्रवाई करने का आरोप लगाया। दुकानदारों का कहना है कि दुकानें ध्वस्त होने के बाद उनके परिवार के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। अब निगम द्वारा की गई कार्रवाई के खिलाफ वह न्यायालय में गुहार लगाएंगे।
रुड़की के मौहल्ला माहीग्रान में अतिक्रमण का हवाला देते हुए हटाए गए दुकानदारों व मकान मालिकों ने पत्रकार वार्ता कर बताया कि नगरनिगम द्वारा नगर आयुक्त विजय नाथ शुक्ला के नेतृत्व में बीती 24 मई को बुलडोजर से उनकी दर्जनों दुकानों को निगम की भूमि पर अतिक्रमण बताते हुए ध्वस्त करा दिया गया था। इस दौरान दुकानदारों ने मौके पर ही अधिकारियों को बताया था की इन दुकानों व संपत्ति के सम्बंध में न्यायालय में वाद विचारधीन है, जिसकी दो दिन बाद यानी 26 मई तारीख़ नियत की गई है। आरोप है कि प्रशासन ने दुकानदारों की एक नही सुनी और बिना आदेश दिखाए दर्जनों दुकानों को बुलडोजर से जमीदोज करा दिया। दुकानदारों ने बताया नियत तारीख़ पर न्यायालय ने दो दिन बाद ही यतास्थिति का आदेश कर दिया, जबकि नगरनिगम की टीम ने उससे पहले ही सभी दुकानों को तोड़ डाला, जो गैर कानूनी तरीके से किया गया। दुकानदारों ने साफ कहा कि नगर आयुक्त ने पक्षपातपूर्ण तरीके से कार्रवाई की जिसके खिलाफ वह न्यायालय में गुहार लगाएंगे।