
हरिद्वार – हरिद्वार धर्म नगरी हरिद्वार ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर शहरी क्षेत्रों तक घरेलू गैस सिलेंडरों की जमकर कालाबाजारी हो रही है लेकिन खाद्य विभाग के अधिकारियों को छापेमारी की फुर्सत नहीं है। बीते साल विभाग कुछ क्षेत्रों में छापामारी कर के कुछ लोगो के ऊपर नाम मात्र की कार्यवाही की थी। अब तो यह कहा भी गलत नही होगा की सिलेंडर जब्त करने वाले विभाग के अधिकारी जैसे छापेमारी ही भूल गए हैं।
डायरेक्टर बेनीफिट टू एलपीजी यानी डीबीटीएल लागू होने के बाद हितग्राहियों के खाते में गैस सब्सिडी की रकम जमा हो रही है लेकिन अभी भी बड़ी संख्या में ऐसे हितग्राही है जो थोड़ा मुनाफा मिलने पर अपना सिलेंडर बेच देते हैं। रेलवे ट्रैक के किनारे रहने वाले लोग कोयला जलाकर खाना बनाते हैं और सिलेंडर किसी होटल या ढाबा वाले को दे देते हैं। इसी तरह झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले गरीब परिवार भी मिट्टी तेल या लकड़ी-कंडे का इस्तेमाल करना ज्यादा पसंद करते हैं। उनका सिलेंडर भी कालाबाजारी के काम आता है। ऐसे सिलेंडरों की संख्या हजारों में होती है जिसकी कालाबाजारी किराना दुकान, साइकिल-पंचर दुकान, डेलीनिड्स या फिर गैस चूल्हा, स्टोव, कुकर बनाने वाले दुकानों में होती है।