
हरिद्वार – उत्तरांचल फेडरेशन ऑफ मिनिस्टीरियल सर्विसेज एसोसियेशन के प्रान्तीय स्तर से मिनिस्टीरियल कार्मिकों की लम्बित 21 सूत्रीय मांग पत्र के निराकरण हेतु विभिन्न पत्राचार ओर शासन स्तर पर वार्ता के माध्यम से दीर्घ अवधि से लगातार अनुरोध किया जा रहा है। उक्त प्रेषित मांग पत्र के कतिपय न्यायोचित बिन्दुओं पर पूर्व में अपर मुख्य सचिव एवं सचिव स्तर पर हुई वार्ताओं में सहमति भी बनी है। जिनका विधिवत् शासन द्वारा कार्यवृत्त भी जारी किया गया है। इस के बाद भी फैडरेशन के मांग पत्र के जिन बिन्दुओं पर पूर्व में सहमति बनी थी, जिसमें मुख्य रूप से मुख्य प्रशासनिक अधिकारी के पदों पर पदोन्नति के लिए पात्रता अवधि 25 वर्ष के स्थान पर 22 वर्ष करने तथा पदोन्नति में पात्रता हेतु शिथिलीकरण की सुविधा पुनः निरन्तर बहाल करने की मांग पर सचिव (कार्मिक) स्तर पर सम्पन्न हुई ।
जिला अध्यक्ष सईद अहमद ने बताया की बीते 21 सितंबर की बैठक के निर्गत कार्यवृत्त में पूर्व निर्णय के विपरीत दर्शाते हुये पुनः समीक्षा की बात कही गयी है। इसी प्रकार शासन स्तर पर बनी सहमति के अन्य विन्दुओं पर भी अतिथि तक शासनादेश जारी नहीं हो पाये है। उक्त स्थिति में प्रदेश के मिनिस्टीरियल कार्मिकों में भारी आकोष को देखते हुये फैडरेशन को चरण बद्ध आन्दोलन का निर्णय लेने हेतु बाध्य होना पड़ा है। बीते लंबे समय से प्रदेश के समस्त जनपदों में गिनिस्टीरियल कार्मिकों द्वारा प्रतीकात्मक विरोध स्वरूप काली फीती बांध कर गेट मिटिंग आयोजित कर जनजागरण का सफल अभियान सम्पन्न किया जा चुका है। आज एक बार फिर शान्तिपूर्वक धरना प्रर्दशन आयोजित कर जिलाधिकारी के माध्यम से 21 सूत्रीय मांग पत्र मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया है ।