
प्रयागराज: इस साल प्रयागराज में भव्य महाकुंभ का आयोजन 13 जनवरी पौष पूर्णिमा से शुरू होकर 26 फरवरी महाशिवरात्रि तक चलेगा। इस दौरान देश के 13 प्रमुख अखाड़ों के साधु-संत संगम में पवित्र स्नान करेंगे। इनमें निरंजनी अखाड़ा, जो देश के सबसे बड़े और प्रतिष्ठित अखाड़ों में से एक है, भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराएगा।
निरंजनी अखाड़ा हरिद्वार के मायापुर में स्थित अपने मुख्य आश्रम के लिए जाना जाता है। इसे भारतीय धार्मिक परंपराओं में स्थायित्व और दिशा देने वाला माना जाता है। जूना अखाड़े के बाद इसे देश के 13 प्रमुख अखाड़ों में से एक सबसे प्रभावशाली अखाड़ा माना गया है।
उच्च शिक्षा प्राप्त साधु निरंजनी अखाड़े की पहचान
निरंजनी अखाड़े की विशेषता इसकी विद्वतापूर्ण परंपरा है। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस अखाड़े के लगभग 70 प्रतिशत साधु उच्च शिक्षित हैं। इनमें डॉक्टर, प्रोफेसर, इंजीनियर जैसे विभिन्न पेशेवर शामिल हैं। इस शैक्षिक पृष्ठभूमि ने निरंजनी अखाड़े को एक अलग पहचान दी है और इसे परंपरागत आध्यात्मिकता के साथ-साथ आधुनिक दृष्टिकोण का प्रतिनिधि बनाया है।
महाकुंभ में निरंजनी अखाड़े का योगदान न केवल इसकी आध्यात्मिक महत्ता को बढ़ाता है, बल्कि इसे भारतीय संस्कृति और ज्ञान परंपरा का प्रतीक भी बनाता है।