June 18, 2025
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उत्तराखंड में धामी सरकार के तीन साल के कार्यकाल में सरकार आठ उपलब्धियां भी नहीं गिना सकती जबकि उनकी अस्सी नाकामियां गिनाई जा सकती हैं। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने रुड़की में पत्रकार वार्ता करते हुए मदरसो पर हो रही कारवाई पर भी सवाल उठाए।उन्होंने कहा कि जब मदरसा बोर्ड वजूद में है और मदरसा संचालको ने मान्यता के लिए कई कई वर्ष पहले से आवेदन किया हुआ है ऐसे में उन्हें मान्यता न देने के लिए स्वयं सरकार दोषी है।साथ ही मदरसों को सीज करने से उनमें पढ़ रहे बच्चों का भविष्य अधर में लटक गया है।
दिल्ली रोड स्थित एक होटल में आज हुई पत्रकार वार्ता में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भाजपा सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि आज सरकार अपनी उपलब्धियों का गुणगान कर रही है लेकिन वह अपनी आठ उपलब्धियां भी जनता को बता नहीं सकती। उन्होंने दावा किया कि सरकार की अस्सी नाकामियां वह गिना सकते हैं।उन्होंने कहा कि आज किसान मजदूर हर वर्ग परेशान है। किसानों का जहां गन्ने का बकाया भुगतान नहीं हुआ तो वहीं सीजन खत्म होने वाला है और गन्ने के दाम भी घोषित नहीं हुए।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में महिलाओं पर उत्पीड़न के मामले बढ़े है, यह सरकार महिला विरोधी है। उन्होंने कहा कि सरकार सनातनी होने का ढोंग करती है जबकि भाजपा सरकार सनातनी नहीं बल्कि तनातनी हैं। वहीं हरीश रावत ने कहा कि  सरकार ने ही जानबूझकर मदरसों को मान्यता नहीं दी है। और फिर अचानक उनके विरुद्ध कारवाई शुरू कर दी। मदरसे अवैध तब होते जब उन्होंने आवेदन नहीं किया होता। आवेदन करने के बाद मान्यता न देना यह तो सरकार का दोष है
उन्होंने कहा कि सरकार ने मदरसे बंद कर दिए अब वह बच्चे कहां जायेंगे जो इन मदरसों में शिक्षा ग्रहण कर रहे थे।
सरकार को उन बच्चों की व्यवस्था करनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि देश की आजादी की लड़ाई में मदरसों का बड़ा योगदान है। जब देश का बंटवारा हो रहा था तो इन्हीं मदरसों के संचालकों ने देश के बांटने वालों के खिलाफ आवाज उठाई थी। पत्रकार वार्ता में कांग्रेस के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता श्रीगोपाल नारसन भी मौजूद मौजूद रहे।बाद में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत शंकर मठ आश्रम टोडा की गौशाला में गायों को गुड़ खिलाने भी गए।जहां आश्रम के पीठाधीश्वर स्वामी दिनेशानंद भारती का शाल ओढाकर उन्होंने सम्मान किया।वही स्वामी दिनेशानंद भारती ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को गाय का देशी घी भेंट कर उनका सम्मान किया।

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