
क्या मयूर दीक्षित के फेरबदल से हिलेगी वर्षों पुरानी ‘सेटिंग’❓
दीप तले अंधेरा,डीएम ऑफिस में कैसे कई सालों जमी मठाधीश की कुर्सी ,क्या हो सकती है अब जांच ❓
सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर यह भी की इस मठाधीश की नामी प्रॉपर्टी डीलर संग साठगांठ और कॉलोनियों में हिस्सेदारी भी..
हरिद्वार – हरिद्वार नगर निगम जमीन घोटाले में धामी सरकार ने कार्रवाई करते हुए दो आईएएस और एक पीसीएस अधिकारी को निलंबित कर दिया है।इस कार्रवाई की लहर से हरिद्वार के प्रशासनिक गलियारों में उथल-पुथल मचा दी है। जिसके बाद हरिद्वार की कमान आईएएस अधिकारी मयूर दीक्षित के हाथों में सौंपी गई है।उन्हें प्रशासनिक सख्ती और ईमानदारी के लिए जाना जाता है। मयूर दीक्षित ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर एक संदेश लिखा है, जिसमें उन्होंने कहा है कि हरिद्वार की पवित्रता और प्रशासन की पारदर्शिता को कायम रखना उनकी प्राथमिकता होगी । जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने कार्यभार संभालते ही एक्शन मोड में आते हुए कई पटवारियों और प्रशासनिक कर्मियों के कार्यक्षेत्र में बदलाव कर दिया है। लेकिन डीएम ऑफिस के भीतर वर्षों से जमा एक मठाधीश अब भी ज्यों का त्यों कुर्सी पर जमा हुआ है।
यह मठाधीश वर्षों से उसी पद पर बना हुआ है, जबकि जिले में डीएम बदले, सरकार बदली, लेकिन यह कुर्सी जस की तस है। चर्चा है कि उक्त अधिकारी की सेटिंग इतनी मजबूत है कि उसे हटाना किसी भी अधिकारी के बस की बात नहीं रही। सूत्रों का दावा है कि एक नामी प्रॉपर्टी डीलर के साथ उसकी सांठगांठ है, और वह हरिद्वार की कई कॉलोनियों में हिस्सेदार भी है।
खुलासे यहीं नहीं थमे बताया जाता है कि जो अधिकारी इस मठाधीश की तैनाती करता है , वही आज इस कुर्सी के सबसे बड़े रक्षक हैं। तभी तो सवाल उठने लगे हैं,जब बाकी विभागों में तबादलों की आंधी चल रही है, तो इस एक कुर्सी पर अब तक क्यों नहीं आई धामी सरकार की नजर❓
क्या जिलाधिकारी मयूर दीक्षित इस कुर्सी को हिलाने की हिम्मत दिखा पाएंगे❓
या फिर यह कुर्सी भी सरकार की किसी बड़ी कार्यवाही का ही इंतजार करती रहेगी❓
इस ‘मठाधीश कुर्सी’ की अगली परतों के साथ,अगले सप्ताह फिर हाज़िर होंगे सचमाचार की अगली पड़ताल में।