
मठाधीश पर मातृ सदन के स्वामी श्री शिवानंद सरस्वती जी ने लगाए गंभीर आरोप।
नगर निगम जमीन घोटाले में हो कुंभ राशि वाले मठाधीश की जांच – मातृ सदन।
हरिद्वार- कुंभ राशि में चंद्रमा के गोचर और राहु की युति से बनने वाले ‘ग्रहण योग’ का असर अब सिर्फ आसमान में नहीं, जमीन पर भी दिखने लगा है,और वो भी सीधे हरिद्वार डीएम कार्यालय की उस कुर्सी पर, जो वर्षों से एक ही मठाधीश के नीचे टिक कर बैठी है। ज्योतिषियों के मुताबिक 16 जून 2025 को कुंभ राशि पर ग्रहण योग बन रहा है, और इसी कुर्सी पर बैठे मठाधीश की राशि भी कुंभ बताई जा रही है।
मातृ सदन के स्वामी श्री शिवानंद सरस्वती ने इस मठाधीश पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि नगर निगम की विवादित जमीन डील में जिन आईएएस और पीसीएस अफसरों पर कार्रवाई हुई, उसी घोटाले में जिलाधिकारी का सबसे नजदीकी और भरोसेमंद माने जाने वाला यह मठाधीश कैसे बच निकला? स्वामी शिवानंद ने सवाल उठाया कि वह अधिकारी, जो डीएम के हर आदेश और कागजात की पहली परत होता है, क्या उसे जांच के दायरे से बाहर रखा जा सकता है?
शिवानंद सरस्वती ने आरोप लगाया कि भ्रष्टाचार की जड़ों में यही ‘स्थायी तैनाती’ सबसे खतरनाक है। पिछले करीब 10 सालों में कुछ महीनों को छोड़ दें तो यह मठाधीश हरिद्वार डीएम कार्यालय की कुर्सी से चिपका हुआ है। पर्वतीय जनपदों की अनिवार्य सेवा भी उसके लिए बस ‘औपचारिकता’ रही और वह फिर से हरिद्वार लौटकर उसी कुर्सी पर आसन जमा लेता है।
कुर्सी पर इतनी मजबूत सेटिंग कि तबादले भी उसका कुछ नहीं बिगाड़ सके! सवाल ये है कि क्या सरकारी व्यवस्था में कुछ कुर्सियां स्थायी हो चुकी हैं? और क्या यह भी सच है कि उस कुर्सी के नीचे अब भ्रष्टाचार की परतें जम चुकी हैं?
स्वामी शिवानंद की मांग है कि कुंभ राशि के इस मठाधीश पर भी जांच हो और नगर निगम घोटाले की जांच अब पूरी हो अधूरी नहीं।
इस कुर्सी की परतें यहीं नहीं रुकतीं,अगले सप्ताह फिर हाज़िर होंगे “सचमाचार” की अगली पड़ताल में अगली परतों के साथ।