
हरिद्वार, उत्तराखंड | ग्रामोत्थान (रीप) परियोजना के अंतर्गत जनपद हरिद्वार में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने हेतु निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। मुख्य विकास अधिकारी श्रीमती आकांक्षा कोण्डे के निर्देशन में जनपद के सभी विकासखंडों में अल्ट्रा पुअर सपोर्ट, फॉर्म एवं नॉन-फॉर्म एंटरप्राइजेज तथा सीबीओ स्तर के उद्यमों को सशक्त किया जा रहा है।
इसी क्रम में लक्सर विकासखंड के ग्राम खेड़ी मुबारकपुर की श्रीमती गीता देवी पत्नी श्री सितम सिंह की कहानी उल्लेखनीय है। तुलसी स्वयं सहायता समूह की सक्रिय सदस्य एवं ग्राम संगठन ‘बंधन’ तथा ‘आदर्श बहुद्देशीय स्वायत्त सहकारिता’ से जुड़ी गीता देवी पूर्व में एक छोटे स्तर का प्रोविजन स्टोर संचालित करती थीं, जो उनके परिवार की आय का एकमात्र साधन था।
ग्रामोत्थान (रीप) परियोजना की टीम द्वारा उनके व्यवसाय का मूल्यांकन कर उन्हें बड़े स्तर पर स्टोर संचालन के लिए प्रोत्साहित किया गया। परिणामस्वरूप, वित्तीय वर्ष 2024-25 में परियोजना के अंतर्गत उन्हें कुल ₹3 लाख की वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई गई, जिसमें ₹1.25 लाख लाभार्थी अंश, ₹1 लाख बैंक ऋण एवं ₹75,000 परियोजना अनुदान शामिल था।
इस सहयोग से गीता देवी ने अपने स्टोर का विस्तार कर बिक्री व उत्पादों की विविधता में वृद्धि की। आज उनके स्टोर से मासिक आय ₹7,000 से ₹10,000 तक हो रही है। यह न सिर्फ उनकी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ कर रहा है, बल्कि उनके परिवार के जीवन स्तर में भी उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
श्रीमती गीता देवी की यह सफलता ग्रामीण उद्यमिता संवर्धन के क्षेत्र में उत्तराखंड ग्राम्य विकास समिति (UGVS) व रीप परियोजना के समर्पित प्रयासों का प्रमाण है। उनकी प्रेरणादायक कहानी यह दर्शाती है कि सही मार्गदर्शन और सहयोग से ग्रामीण महिलाएं भी सशक्त उद्यमी बन सकती हैं।