July 9, 2025
IMG20250707193722 (1)
श्रीगीता विज्ञान आश्रम के परम अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी विज्ञानानंद सरस्वती जी महाराज ने कहा है कि सच्चा स्नेह रखने वालों को भगवान अवश्य ही मिलते हैं और जहां भी ब्रह्म विद्या होती है भगवान स्वयं आ ही जाते हैं जबकि भागवत  कथा सुनने के बाद कल्याण तभी होता है जब कथा को अपने जीवन और चरित्र में उतरा जाए। वे आज राजा गार्डन स्थित श्रीहनुमान मंदिर सत्संग भवन में श्रीमद् भागवत की अमृतवाणी का प्रवाह कर रहे थे।
भगवान श्रीकृष्ण एवं माता रुक्मणी के विवाह का प्रसंग सुनाते हुए उन्होंने कहा की माता रुक्मणी मां लक्ष्मी की अवतार थीं तो उनका विवाह तो भगवान श्रीकृष्ण के साथ होना ही था लेकिन रुक्मणी के सच्चे स्नेह का संदेश जब भगवान को मिला तो उन्होंने स्वयं आकर रुक्मणी का वरण किया । राधा को भगवान की अल्हादिनी शक्ति बताते हुए उन्होंने कहा कि श्रीमद् भागवत में कहीं भी राधा शब्द नहीं आया है । राधा ब्रह्म विद्या हैं और जहां ब्रह्म विद्या होती है वहां भगवान अवश्य आते हैं। कंस वध की कथा सुनाते हुए उन्होंने कहा कि भगवान ने कंस के अक्रूर और कुबलिया जैसे प्रयासों को विफल करने के बाद 11 वर्ष की आयु में कंस का उद्धार किया था।
भागवत भक्तों को आशीर्वचन देते हुए श्रीगुरुमंडल पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर स्वामी भगवत स्वरूप ने कहा की अज्ञान ही व्यक्ति के दुख का कारण बनता है और सत्संग से विवेक पैदा होता है, आप लोग धन्य हैं जिनको वयोवृद्ध और ज्ञानवृद्ध सच्चे संत का सानिध्य प्राप्त हो रहा है । अंत में भगवान श्रीकृष्ण एवं रुक्मणी के विवाह की सुंदर झांकी सजायी गयी तथा सभी भक्तों ने भगवान के वैवाहिक स्वरूप का पूजन एवं आरती उतार कर अपना जीवन धन्य किया । ट्रस्ट की ओर से फल तथा खीर प्रसाद का भोग लगाया गया और ट्रस्टियों ने कथा स्थल के बाहर ठंडे-मीठे जल की छबील लगाकर पुण्य लाभ अर्जित किया । कल (आज) सुदामा चरित्र की कथा के साथ भागवत ज्ञान की पूर्णाहुति  तथा 9 जुलाई को गायत्री महायज्ञ की  पूर्णाहुति होगी एवं 10 जुलाई को गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *