December 13, 2025
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जिलाधिकारी मनीष कुमार की “क्विक एक्सन” की कार्य संस्कृति का दिखाई दे रहा है हर क्षेत्र में “रिएक्शन”

इस वर्ष प्रतिष्ठित स्कॉच अवार्ड्स में चम्पावत जिले ने शानदार प्रदर्शन करते हुए राष्ट्रीय मंच पर अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है। जिले की चार नवाचार परियोजनाएँ सेमीफाइनलिस्ट चुनी गईं, जो सुशासन और विकास के क्षेत्र में चम्पावत की तेज़ प्रगति का प्रमाण हैं। पिरूल ब्रिकेटिंग यूनिट — कचरे से आजीविका का सशक्त मॉडल जंगलों में आग की बड़ी वजह पिरूल (चीड़ की सूखी पत्तियाँ) को संसाधन में बदलने वाली यह परियोजना पर्यावरण संरक्षण और रोजगार का बेहतर उदाहरण बनी है। पिरूल ब्रिकेट्स ग्रामीणों को सस्ता ईंधन उपलब्ध कराने के साथ वनाग्नि रोकथाम में भी अहम भूमिका निभा रहे हैं।

एप्पल–कीवी मिशन — पर्वतीय कृषि को नई उड़ान ऊँचाई वाले क्षेत्रों में उच्च मूल्य वाली फसलों के विस्तार से किसानों की आय में वृद्धि हुई है। आधुनिक तकनीक और प्रशिक्षण आधारित इस मिशन ने चम्पावत को हाई-वैल्यू हॉर्टिकल्चर का नया केंद्र बना दिया है। ग्रामोत्थान योजना — गांवों में समग्र विकास की मिसाल जल, स्वच्छता, स्वास्थ्य, शिक्षा और आजीविका संसाधनों को मजबूत करने वाली यह योजना ग्रामीण आत्मनिर्भरता का सशक्त मॉडल बनकर उभरी है। इसमें स्थानीय समूहों और युवाओं की व्यापक भागीदारी शामिल है। आपदा व सड़क सुरक्षा मॉनिटरिंग सिस्टम — तकनीक से पारदर्शिता लोक निर्माण विभाग द्वारा विकसित यह डिजिटल प्रणाली सड़क बंद होने, भूस्खलन, बारिश व आपदा संबंधी सूचनाओं को तुरंत अपडेट करती है। इससे प्रशासन की प्रतिक्रिया क्षमता तेज़ और भरोसेमंद हुई है।

जिलाधिकारी मनीष कुमार की क्विक एक्सन की कार्य संस्कृति का सभी स्तरों में ऐसा रिएक्शन दिखाई दे रहा है कि माडल जिला हर क्षेत्र में पिछे मुडकर नहीं देख रहा है। जिलाधिकारी ने सभी को बधाई देते हुए कहा कि सामूहिक प्रयासों के बल पर माडल जिले की राष्ट्रीय मंच में होने लगी है धमक इस कार्य करने की इस स्पिरिट को बनाए रखने पर उन्होंने बल दिया। “चम्पावत अपनी नवाचार शक्ति और टीमवर्क के दम पर राष्ट्रीय मंच पर नई पहचान बना रहा है। यह पूरे जिले के लिए गर्व का क्षण है।” इन चार परियोजनाओं का सेमीफाइनल तक पहुँचना साबित करता है कि सीमित संसाधनों वाला एक छोटा जिला भी नवाचार, मेहनत और बेहतर नेतृत्व के सहारे देश में उदाहरण बन सकता है। चम्पावत अब केवल एक भौगोलिक जिला नहीं, बल्कि नवाचार और सुशासन की प्रयोगशाला बनकर उभर रहा है।



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