July 20, 2025
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हरिद्वार। वन विभाग हरिद्वार ने वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो नई दिल्ली की सूचना पर हरिद्वार से एक अन्तरराज्यीय वन्य जीव तस्कर को गिरफ्तार किया है। जिसके पास से वन विभाग की टीम ने 285 नग हत्था जोडी मॉनिटर लिजार्ड के अंग बरामद किये है। वन्य जीव तस्कर के अन्य राज्यों के वन जीव तस्करों से तार जुड़े है। जोकि लम्बे समय से अन्य राज्यों के तस्करों के साथ मिलकर वन्य जीव अंगों की तस्करी का खेल खेल रहा था। वन विभाग हरिद्वार ने तस्कर के खिलाफ सम्बंधित धाराओं में मामला दर्ज कर लिया। जिसको मेडिकल के बाद न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया।

IMG 20240807 WA0020उप प्रभागीय वनाधिकारी हरिद्वार श्रीमती सन्दीपा शर्मा ने बताया कि वन विभाग हरिद्वार को वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो, नई दिल्ली से गुप्त सूचना मिली कि हरिद्वार क्षेत्र में वन्य जीव तस्कर सक्रिय है। जिसके पास भारी मात्रा में मॉनिटर लिजार्ड का अंग मौजूद है, इन अंगों की तस्करी अन्य राज्यों के वन्य जीव तस्करों को की जानी है। इस सूचना पर वन्य जीव तस्कर को दबोचने के लिए वन विभाग की एक टीम गठित की गयी। टीम द्वारा अपने मुखबिर तंत्र को भी एक्टीव करते हुए तस्कर की तलाश शुरू की गयी। वन विभाग की टीम ने सम्भावित स्थलों पर छापेमारी करते हुए कई संदिग्धों से पूछताछ की गयी। जिनसे मिले अहम सुराग के आधार पर वन विभाग की टीम ने कोतवाली नगर क्षेत्र विष्णु घाट के पास से एक वन्य जीव तस्कर को दबोचने में सफलता हासिल की।

 

उन्होंने बताया कि वन्य जीव तस्कर के पास से वन विभाग की टीम ने 285 नग हत्था जोड़ी मॉनिटर लिजार्ड का अंग बरामद किये। पूछताछ के दौरान तस्कर ने अपना नाम आफताब पुत्र भूरा निवासी जिला रामपुर तहसील व थाना मिल्क मोहल्ला नसीराबाद, उत्तर प्रदेश हाल निवासी विष्णु घाट कोतवाली नगर हरिद्वार बताते हुए खुलासा किया कि वह लम्बे समय से अन्य राज्यों के वन्य जीव तस्करों से मिलकर वन्य जीव अंगों की तस्करी कर रहा है। मॉनिटर लिजार्ड के अंगों को अन्य राज्यों के वन्य जीव तस्करों को सौपा जाना था कि पकड़ा गया। मॉनिटर लिजार्ड भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 यथासंशोधित 2023 के अनुसूचि-1 में दर्ज है। वन विभाग हरिद्वार की ओर से तस्कर के खिलाफ सम्बंधित धाराओं में मामला दर्ज कर लिया। जिसको मेडिकल के बाद न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया।

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उन्होंने जनता से अपील की है कि वन्यजीवों एवं वन्यजीवों के अंगो की तस्करी वन अपराध की श्रेणी के अन्तर्गत आता है। कुछ व्यक्तियों द्वारा लोगों को गुमराह कर वन्य जीव के अंगों का पूजा-पाठ आदि में उपयोग किये जाने की सलाह देते है, जोकि भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 यथासंशोधित 2023 के अन्तर्गत दण्डनीय अपराध है। अगर कोई व्यक्ति उक्त अवैध गतिविधि में संलिप्त पाया जाता है, तो उसकी सूचना वन विभाग अथवा निकट वन चौकी को दें।

वन्य जीव अंग तस्कर को दबोचने वाली टीम में श्रीमती सन्दीपा शर्मा उप प्रभागीय वनाधिकारी हरिद्वार, शैलेन्द्र सिंह नेगी वन क्षेत्राधिकारी हरिद्वार, ओम प्रकाश वर्मा प्रभारी, प्रभागीय वन सुरक्षा बल हरिद्वार, गजेन्द्र सिंह वन दरोगा, श्रीमती शैलजा वन दरोगा, श्रीमती विनिता पाण्डेय वन दरोगा, नरेश कुमार वन आरक्षी, विपिन चन्द्र वन रक्षक, राहुल नेगी, वन आरक्षी, उमेश सिंह राजपूत वन आरक्षी, श्रीमती रूपा सैनी वन आरक्षी, राहुल उपनल कर्मी, अंकित रावत उपनल कर्मी, भोलाराम उपनल कर्मी, ताजवर उपनल कर्मी मौजूद रहे।

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