
हरिद्वार पुलिस को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। जिला कारागार से फरार कैदी को पकड़ने के लिए रानीपुर पुलिस ने सघन चेकिंग अभियान चलाया। इसी दौरान भेल के सेक्टर-2 स्थित काली माता मंदिर के पास पुलिस और फरार कैदी के बीच मुठभेड़ हो गई।खुद को घिरता देख बदमाश ने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी, जिसके जवाब में पुलिस ने भी कार्रवाई की। इस दौरान पुलिस की गोली बदमाश के पैर में लगी, जिससे वह घायल हो गया। घायल बदमाश को तत्काल जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसका इलाज चल रहा है।
50 हजार का इनामी बदमाश निकला फरार कैदी
सूत्रों के मुताबिक, मुठभेड़ में घायल हुआ बदमाश कोई साधारण अपराधी नहीं था। यह बदमाश हरिद्वार जिला जेल से फरार 50 हजार का इनामी कैदी निकला। घटनास्थल पर एसपी सिटी पंकज गैरोला समेत वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे और पूरी कार्रवाई पर नजर बनाए रखी।
कैसे हुई मुठभेड़?
हरिद्वार जिला जेल से फरार इस कैदी के शहर में छिपे होने की सूचना पुलिस को मिली थी। इसके बाद पुलिस ने विभिन्न इलाकों में सघन चेकिंग अभियान शुरू किया। इसी दौरान भेल के सेक्टर-2 में एक संदिग्ध व्यक्ति पुलिस को नजर आया।पुलिस टीम ने जब उसे रोकने की कोशिश की तो उसने भागने का प्रयास किया। जब पुलिस ने घेराबंदी की तो बदमाश ने पुलिस पर फायरिंग कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी गोली चलाई, जो बदमाश के पैर में लगी।इसके बाद पुलिस ने उसे मौके पर ही दबोच लिया और अस्पताल पहुंचाया।
रामलीला मंचन के दौरान जेल से हुआ था फरार
11 अक्टूबर की रात, दशहरे से पहले हरिद्वार जिला जेल में रामलीला का मंचन हो रहा था। इस दौरान कैदी पंकज (28 वर्ष) और कैदी रामकुमार (24 वर्ष) को वानर सेना का किरदार निभाने का मौका मिला। लेकिन उन्होंने इस अवसर का गलत फायदा उठाया।कैदियों ने जेल परिसर में निर्माणाधीन हाई-सिक्योरिटी बैरक के पास लापरवाही से पड़ी सीढ़ियों का इस्तेमाल किया और दीवार फांदकर फरार हो गए।रामलीला मंचन के बाद जब कैदियों की गिनती हुई, तब जेल प्रशासन को इस फरारी की सूचना मिली। इसके बाद हरिद्वार से लेकर देहरादून तक पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया और आरोपियों की तलाश शुरू हुई।
पहले ही गिरफ्तार हो चुका है एक अन्य फरार कैदी
हरिद्वार पुलिस पहले ही फरार कैदी रामकुमार को हरियाणा के यमुनानगर से गिरफ्तार कर चुकी थी। अब इस मुठभेड़ में दूसरा कैदी पंकज भी पुलिस की गिरफ्त में आ गया।अब पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि फरार कैदी इतने महीनों तक कहां छिपा रहा और उसे किन लोगों से मदद मिल रही थी। साथ ही यह भी पता लगाया जा रहा है कि क्या इस फरारी के पीछे किसी बड़े अपराधी गिरोह का हाथ था।