हरिद्वार – नवरात्रि के पावन अवसर पर संत समाज से जुड़े स्वामी यशवीर महाराज ने बड़ा और विवादित बयान देकर नया विवाद खड़ा कर दिया है। महाराज ने कहा कि जो गैर हिंदू मंदिरों के बाहर पूजा सामग्री बेचते हैं या नवरात्रि-दीवाली जैसे हिंदू पर्वों पर दुकानें सजाते हैं, उन्हें सबसे पहले अपना धर्म परिवर्तन कर लेना चाहिए। उनका कहना है कि श्रद्धा का वास्ता देकर केवल व्यापार करना आस्था का अपमान है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
धर्म परिवर्तन करें या व्यापार बंद करें।
स्वामी यशवीर महाराज यहीं नहीं रुके। उन्होंने साफ कहा कि यदि मुसलमान यह दावा करते हैं कि वे दोनों धर्मों को मानते हैं, तो उन्हें अपनी बेटियों का विवाह हिंदू लड़कों से कर देना चाहिए। तभी हम मानेंगे कि वे सच में दोनों धर्मों को मानते हैं, वरना यह केवल दिखावा है।
पहले भी दिए हैं विवादित बयान।
गौरतलब है कि यह पहला मौका नहीं है जब महाराज का बयान सुर्खियों में आया हो। कांवड़ यात्रा के दौरान भी उन्होंने गैर हिंदू ढाबों और दुकानों की पहचान उजागर की थी। उस समय उन्होंने यात्रियों से अपील की थी कि वे केवल हिंदू संचालित दुकानों और ढाबों से ही सामान खरीदें। उन्होंने कहा था कि आस्था की यात्रा को व्यवसाय का जरिया बनाने वालों को समाज अब और सहन नहीं करेगा।
स्थानीय स्तर पर बढ़ी चर्चाएँ।
स्वामी यशवीर महाराज के इस ताज़ा बयान के बाद इलाके में चर्चाओं का दौर तेज हो गया है। कुछ लोग इसे हिंदू आस्था की सुरक्षा और संरक्षण से जोड़कर देख रहे हैं, वहीं कई वर्ग इस बयान को समाज में तनाव पैदा करने वाला और धार्मिक सद्भाव बिगाड़ने वाला मान रहे हैं।प्रशासन और समाज की प्रतिक्रिया का इंतजार
महाराज के इस बयान पर अब तक प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, राजनीतिक और सामाजिक संगठनों की निगाहें इस मुद्दे पर टिकी हैं। आने वाले दिनों में इस बयान पर और प्रतिक्रियाएं सामने आ सकती हैं, जिससे विवाद और गहराने की संभावना है।
