हरिद्वार – भले ही देश भर से रामलीलाओं के मंच हट चुके हों, लेकिन हरिद्वार और रुड़की का संभागीय परिवहन विभाग अब तक कुंभकर्णी नींद सोया हुआ था। सड़कों पर बिना टैक्स वाले ट्रैक्टर-ट्रॉली खुलेआम दौड़ रहे थे, और विभाग खामोश बैठा था। लेकिन अब हरिद्वार के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित के निर्देश मिलते ही विभाग ने कुछ आंखें खोली हैं और कार्रवाई की शुरुआत कर दी है।
संभागीय परिवहन अधिकारी निखिल शर्मा के नेतृत्व में हरिद्वार और रुड़की इंटरसेप्टर टीमों ने नरसन–लंधौरा–हरिद्वार मार्ग पर एक प्रातःकालीन अभियान चलाया। इस दौरान ट्रैक्टर-ट्रॉलियों पर विशेष ध्यान दिया गया। अभियान में कुल 33 चालान किए गए और 10 ट्रैक्टर-ट्रॉलियां सीज की गईं। विभाग के अनुसार इस वर्ष अब तक हरिद्वार और रुड़की के प्रवर्तन दलों ने 250 से अधिक ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के चालान किए हैं, जो सड़क सुरक्षा और ओवरलोडिंग पर रोक लगाने की दिशा में विभाग की सक्रियता को दर्शाता है।
हमारी पड़ताल क्या कहती है यह भी जानिए।
भले ही इस वर्ष प्रवर्तन दलों ने 250 से अधिक ट्रैक्टर-ट्रॉलियों पर कार्रवाई की हो, लेकिन हमारी छोटी सी पड़ताल में यह साफ हुआ कि विभाग की कार्रवाई से ज्यादा तेजी से दलालों का नेटवर्क काम कर रहा है। जनवरी से अब तक हर महीने करीब 449 ट्रैक्टर-ट्रॉलियों की एंट्री 7,500 रुपये में कराई जा रही है। यानी दस महीनों में करीब 4,449 ट्रैक्टर-ट्रॉलियों की ‘एंट्री’ हो चुकी है।कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि विभाग ने भले ही नींद से आंखें खोली हों, लेकिन सड़कों पर अभी भी दलालों की गाड़ियां सबसे तेज दौड़ रही हैं।
