November 18, 2025
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हरिद्वार – करवाचौथ की रात, जब हरिद्वार की सड़कों पर सजावट थी , तब परिवहन विभाग की कार्रवाई भी चर्चा में थी। देर रात ARTO नेहा झा खुद तीन लाल-नीली बत्ती की गाड़ियों के काफिले और दर्जनों जवानों के साथ दिल्ली-हरिद्वार नेशनल हाईवे पर उतरीं। कुछ ही मिनटों में कार्रवाई का रुतबा दिखा दिया भारी वाहनों सहित दर्जनों वाहनों पर चालान की बरसात कर दी गई।

सबसे दिलचस्प बात यह रही कि इस कार्रवाई के दौरान मैडम ने कुछ बड़े पत्रकारों को भी बुलाया था, ताकि उनकी मौजूदगी में विभाग की सख्ती की तस्वीर वायरल हो सके। और हुआ भी वही सुबह तक सोशल मीडिया और चैनलों पर “कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी” की खबरें चलने लगीं, जबकि उसी वक्त 7500 रुपए की एंट्री वाले वाहन खुलेआम दौड़ते रहे।IMG 20251011 WA0017लेकिन सवाल यहीं से शुरू होता है क्या यह कार्रवाई वाकई सिस्टम को सुधारने के लिए थी, या सिर्फ कुछ कैमरों के लिए “नाइट शो”? क्योंकि कुछ ही घंटे बाद वही “एंट्री वाले” ट्रैक्टर-ट्रॉली सड़क पर फिर से फर्राटा भरते नज़र आए और यह सब 7500 रुपए की सेटिंग के दम पर!

जानकारी के मुताबिक, यह पूरा खेल “एंट्री सिस्टम” के नाम पर महीनों से चल रहा है। रुड़की और हरिद्वार में बैठे कुछ दलाल फुरकान, लव त्यागी और जॉनी कथित तौर पर विभागीय अफसरों से मिलीभगत कर वाहन चालकों से हर महीने 7500 रुपए वसूलते हैं। इस रकम के बाद ट्रैक्टर-ट्रॉली को खनन और ईंट की सप्लाई के लिए खुली छूट मिल जाती है।IMG 20251011 WA0015बीती रात हुई कार्रवाई में जिन वाहनों को पकड़ा गया, वे वही थे जो इस ‘एंट्री सर्कल’ में शामिल नहीं थे यानी जिन्होंने 7500 रुपए की “सेटिंग फीस” जमा नहीं की थी।जबकि जिन वाहनों की एंट्री पहले से पक्की थी, वे अगले ही घंटे सड़कों पर लौट आए, मानो विभाग की पूरी कार्रवाई एक औपचारिकता बनकर रह गई हो।

ARTO नेहा झा से जब कैमरे पर प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने कहा कि “ऑफिस जाकर लौटने के बाद बाइट दूंगी।” लेकिन न तो वह ऑफिस लौटीं, न चेकिंग दोबारा शुरू हुई। विभाग के सूत्र बताते हैं कि कार्रवाई पूरी हो गई है यह बताकर अधिकारी अपने आवास लौट गईं और उसके तुरंत बाद “7500 क्लब” के वाहन फिर सक्रिय हो गए।IMG 20251011 WA0014सवाल साफ है अगर 7500 रुपए में सड़कों पर आज़ादी बिक रही है, तो कानून का डर किसके लिए है? क्या परिवहन विभाग सिर्फ दिखावे की कार्रवाई कर रहा है, जबकि सिस्टम की जड़ में बैठा यह “एंट्री रैकेट” अब भी बेखौफ चल रहा है? हरिद्वार के लोग अब यही पूछ रहे हैं ।कर्तव्य निभाने का दावा करने वाले अफसर, क्या 7500 की एंट्री पर बिक गया आपका कर्तव्य?

अभी तो केवल अपने स्टोरी पढ़ी है पिक्चर अभी बाकी है ।

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