हरिद्वार – परिवहन विभाग के सिस्टम में बड़ा खुलासा! महीनों से चल रहे राजस्व घोटाले की परतें अब खुलने लगी हैं। बताया जा रहा है कि हरिद्वार और रुड़की में बैठे कुछ दलाल लंबे वक्त से विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से सरकार को लाखों रुपये का नुकसान पहुंचा रहे थे। लेकिन अब जब यह मामला मीडिया और पुलिस की नजर में आया, तो विभाग हरकत में आ गया।
आज परिवहन विभाग ने पुलिस और अन्य विभागों के साथ मिलकर सड़कों पर संयुक्त अभियान चलाया। कई वाहनों पर कार्रवाई हुई, चालान काटे गए, लेकिन इसी बीच एक वीडियो सामने आया जिसने पूरे सिस्टम की पोल खोल दी। वीडियो में कई ट्रैक्टर-ट्रॉली चालक यह दावा करते दिखे कि वे हर महीने ₹7500 की “एंट्री” करते हैं और यह एंट्री सीधे रुड़की और हरिद्वार के एआरटीओ दफ्तर से जुड़ी होती है।
सबसे बड़ा सवाल यह कि यह ₹7500 की एंट्री आखिर जाती कहां है और किसके पास पहुंचती है?
वाहन चालकों का दावा है कि यह रकम विभाग के बाहर बैठे फुरकान और लव त्यागी जैसे कई के माध्यम से ली जाती है। चालक बताते हैं कि इन दलालों के पास “सभी सेटिंग” पहले से तय होती है। पैसा देने के बाद न तो कोई चालान होता है, न रोक-टोक मानो ₹7500 महीने में ‘फ्री पास’ मिल जाता हो।
एक ट्रैक्टर चालक ने कैमरे पर बोली यह हैरान करने वाली बात 👇👇
“अगर मेरा टैक्स पैड वाहन होता, तो मैं 7500 की एंट्री क्यों करता? ये एंट्री इसलिए है ताकि अधिकारी कुछ न बोलें।”
यही नहीं, कुछ चालकों ने यह भी बताया कि उनके वाहन उत्तर प्रदेश के नारसन बोर्ड से लेकर उत्तराखंड के चिड़ियापुर तक बिना रोक-टोक चलते हैं। किसान के नाम पर पंजीकृत वाहन खुलेआम खनन सामग्री और ईंटों की सप्लाई में लगे हुए हैं।
विभागीय सूत्रों के अनुसार, यह खेल लंबे समय से चल रहा था लेकिन अब जब कैमरे पर सबूत सामने आए हैं, तो विभाग ने जांच बैठाने की बात कही है।
अब बड़ा सवाल यह है कि अगर ₹7500 की “एंट्री” के नाम पर वसूली हो रही थी, तो यह रकम किन-किन अफसरों तक पहुंचती थी? क्या फुरकान और लव त्यागी सिर्फ मोहरे हैं या इनके पीछे कोई बड़ा नेटवर्क काम कर रहा है?
सिस्टम में सवालों की गूंज है आखिर कब तक ₹7500 की सेटिंग पर चलता रहेगा हरिद्वार का परिवहन तंत्र?
7500 रुपए की अभी अगली परत बाकी है सुबह की नई किरण के साथ एक और परत खोली जाएगी।
