हरिद्वार – इलाके में फैली मोटी वसूली की गुत्थी अब खुलासे के बिंदु पर है सूत्रों के अनुसार फुरकान, लव त्यागी, गौरव चौधरी और बाला जी भट्ठे के मुंशी के नेटवर्क के जरिये ईंट-भरी ट्रैक्टर-ट्रॉलियों से प्रत्येक बार 7,500 रुपये तक वसूले जा रहे हैं, लेकिन जब्ती के पुख्ता सबूत और वीडियो उपलब्ध होने के बाद भी परिवहन विभाग मुकदमा दर्ज कराने में अटक गया है।
विभागीय दस्तावेजों और स्थानीय शिकायतकर्ताओं ने जो सबूत दिए हैं, उनमें हर ट्राली पर लगने वाली यह ‘एंट्री फीस’ और दलालों के नाम-पते-मोबाइल भी शामिल हैं। बावजूद इसके, जांच ही बार-बार टलती रही और अब संभागीय परिवहन अधिकारी निखिल शर्मा के पास भी मुकदमा दर्ज कराने के लिए सही थाना तक नहीं दिख रहा। दस दिनों से अधिक समय बीतने के बाद भी विभाग की कार्रवाई सिर्फ जांच तक सीमित दिखाई दे रही है।
अभियुक्तों के खिलाफ उपलब्ध वीडियो रिकॉर्डिंग विभाग को सौंप दी गई है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि विभाग के अंदर से ही मामले को ठंडे बस्ते में डालने की कोशिश की जा रही है। स्थानीय व्यापारियों और सर्वे कराए गए किसानों का कहना है कि इस अवैध वसूली के कारण उन्हें हर महीने लाखों का नुकसान झेलना पड़ता है और राजस्व की सीधी हानी हो रही है।
विभागीय सफाई में अधिकारियों ने कहा है कि मामला जांच के दायरे में है और नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी, पर सवाल उठते हैं जब साक्ष्य हाथ में हैं और आरोपी खुलेआम वसूली कर रहे हैं तो मुकदमा दर्ज कराने में इतना समय क्यों लग रहा है?
अब मुद्दा यह बन गया है कि क्या परिवहन विभाग के शीर्ष स्तर पर किसी दबाव या संरक्षण की वजह से कार्रवाई रुक रही है, या फिर नौकरशाही बेहद धीमी पड़ चुकी है। स्थानीय लोग और व्यापारिक संगठन जल्द से जल्द स्पष्ट और सख्त कदम की मांग कर रहे हैं नहीं तो हर दिन वसूली का खेल बढ़ता दिखाई देगा और सार्वजनिक भरोसा सरकार की कानूनी प्रक्रिया से उठने लगेगा।
